आयोडीन युक्त समुद्री नमक की खामिया
1. समुद्री नमक सफेद जहर है
2. सिर्फ तीन मिनरल होते हैं3. इसमें केमिकल आयोडीन होता है
4. केमिकल आयोडीन शरीर में घुलता नहीं है जिसके फलस्वरुप किडनी एवं गॉल ब्लेडर में स्टोन बनने की पूरी संभावना रहती है.
5. समुंद्र के प्रदूषित पानी को शुद्ध करने की प्रकृति द्वारा कोई व्यवस्था नहीं है. इसलिए इसको शुद्ध करने के लिए
6. रासायनिक प्रक्रिया की जरूरत होती है.
7. इस के निर्माण में केमिकल्स का प्रयोग होता है.
8. आयुर्वेद में सबसे खराब माना जाता है.
9. यह केवल औद्योगिक उपयोग के लिए ठीक है
10. इससे वात पित्त एवं कफ बिगड़ता है.
11. समुद्री नमक से उच्च रक्तचाप, लकवा, ह्रदयघात आदि गंभीर बीमारियों का भय रहता है.
12. समुद्र में मछलियां समेत कई जीव जंतु मरते रहते हैं जिनके अवशेष समुद्री किनारों पर देखा जा सकता है
हमलोग आयोडीन के पीछे भागकर केमिकल वाला नमक खा रहे हैं. यह कोई समझदारी नहीं है जितने आयोडीन की हमें जरुरत है वह तो हमें दालों, आलू ,अरवी एवं हरी सब्जियों से भी मिल जाता है. हां जहां पहाड़ों में आयोडीन की कमी हो वहां यह जरुरी हो सकता है. 1930 से पहले समस्त भारत में सेंधा नमक ही काम में लिया जाता था. अंग्रेजों ने इसे बंद करा के समुद्री नमक का व्यापार शुरू किया. प्रसिद्ध वैज्ञानिक और समाज सेवी श्री राजीव भाई दीक्षित का कहना है कि समुंद्री नमक तो अपने आप में बहुत खतरनाक है लेकिन उसमे आयोडीन एवं अन्य केमिकल्स मिलाकर उसे और जहरीला बना दिया जाता है. आयोडीन युक्त समुrद्री नमक कोई बहुत ज्यादा स्वास्थ्य के लिए लाभकारी नहीं होता लेकिन इसका इतना ज्यादा प्रचार कर दिया गया है कि हमें लगता है कि यह सेंधा नमक के मुकाबले बहुत अच्छा होता है.यह ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन मे मददरूप, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने मे हल्का है । इससे पाचक रस बढ़्ते हैं। तों अंत आप ये समुद्री नमक के चक्कर से बाहर निकले ! काला नमक ,सेंधा नमक प्रयोग करे !! क्यूंकि ये प्रकर्ति का बनाया है ईश्वर का बनाया हुआ है !!

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